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रविकांत सिंह 'द्रष्टा' |
वाराणसी। किसानों के हित में लगातार लिखने व मुखर होकर बोलने वाले संतोष भारतीय ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकारों की नीतियों ने देश की 80 फीसदी आबादी को विकास से बाहर रखा है। सरकार ऐसी नीतियां बना रही हैं जिससे किसानों की जमीन छिन ली जा रही है जिसके कारण देश में अपराध बढ़ा है। किसान का सवाल अब राजनीतिक सवाल है। संतोष भारतीय राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ परिसर में आयोजित तीन दिवसीय ‘राष्ट्रीय किसान परिसंवाद’ के समापन समारोह में किसानों को संबोधित कर रहे थे।
किसान मंच की ओर से वरिष्ठ पत्रकार संजय अस्थाना ने तीन दिवसीय ‘राष्ट्रीय किसान परिसंवाद’ के समापन अवसर पर 15 सुत्रीय प्रस्ताव को पढ़ा जिसे आयोजन में शामिल किसान नेताओं ने अपनी सहमति दी। प्रस्ताव में प्रमुख रुप से आत्महत्या कर रहे किसानों के लिए जिले स्तर पर कमेटी बनाई जाये और जबाबदेही तय की जाय। ग्राम स्तर पर फूड प्रोसेसिंग यूनिट बनाई जाय। सरकार जब डब्ल्यूटीओ पर हस्ताक्षर करे तो किसानों से राय ली जाये आदि 15 सुत्रीय प्रस्तावों पर विचार कर कुछ और किसानों की मांगो को जोड़कर किसान मंच केन्द्र सरकार को भेजेगा।
किसान मंच की ओर से राजेश जायसवाल व मनोज वर्मा ने विभिन्न प्रांतों से आये किसान चिंतको को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। लगातार तीनों दिन किसान चिंतक सर्वसेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महादेव विद्रोही, महाराष्ट्र के किसान नेता विजय जावंदिया, गांधी विचारक विजय नारायण, विदर्भ के प्रताप गोस्वामी आदि लोग उपस्थित रहे। इस अवसर पर किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद सिंह, उपाध्यक्ष निशा वर्मा, प्रदेश अध्यक्ष उत्तर प्रदेश देवेन्द्र तिवारी ने किसानों को एकजूट करने व इस प्रकार के आयोजनों को गति देने के लिए किसानों को संदेश भी दिया।