Tuesday, 10 December 2019

सरकार की उदासीनता, स्थानीय प्रशासन और भू-माफिया का गठजोड़ बन रही पंचायती राज की बाधा


कोर्ट की फटकार के बावजूद पूर्व मंत्री सुबोध कांत पर ट्रस्ट की जमीन हड़पने का आरोप

दिवंगत जय प्रकाश नारायण, बलवंत राय मेहता,  गुलजारी लाल नंदा, लालबहादुर शास्त्री , अटल बिहारी बाजपेई, सुचिता कृपलानी जैसे दिग्गज नेता अखिल भारतीय पंचायत परिषद् के संस्थापक व व्यवस्थापक रहे हैं 




नयी दिल्ली। सोनिया गॉंधी और मनमोहन सिंह के करीबी पूर्व मंत्री भारत सरकार सुबोधकांत सहाय पर ट्रस्ट की जमीन कब्जा करने का आरोप लग रहा है। स्थानीय प्रशासन भी इस मामले में संलिप्त है। अखिल भारतीय पंचायत परिषद के अध्यक्ष बाल्मीकी प्रसाद सिंह ने इस मामले से जुड़े तमाम दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि सुबोधकांत सहाय व उनके साथियों को कोर्ट ने पंचायत परिषद के अध्यक्ष न मानते हुए तमाम अधिकारों से बेदखल कर दिया है। अब उनका अखिल भारतीय पंचायत परिषद से कोई सरोकार नहीं है। इसके बावजूद पंचायत की जमीन पर अपने गुर्गों से अवैध गतिविधियां चला रहे हैं।  

Ex Minister-Subodhkant Sahay 


मयूर विहार फेस -1 में अखिल भारतीय पंचायत परिषद का कार्यालय है। मेट्रो स्टेशन के पास स्थित इस कार्यालय की शुरुआत सन् 1958 में हुई। पंचायती राज की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले बलवंत राय मेहता व जय प्रकाश नारायण ने परिषद का गठन किया है। बलवंत राय मेहता पंचायती ट्रस्ट ने पंचायत परिषद को साढ़े सात एकड़ जमीन लीज पर दे रखा है। इसी जमीन पर पंचायत परिषद का कार्यालय संचालित होता है। जमीन पर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बनेगा या कुछ और इसका निर्णय केवल अखिल भारतीय पंचायत परिषद ही कर सकता है। देश के सर्वांगिण विकास के कार्यों में नौकरशाहों के मनमाने हस्तक्षेप को रोकने व ग्राम स्वराज्य की स्थापना के लिए बनी इस संस्था के काम काज में प्रशासन अड़ंगा लगा रहा है।


बाल्मीकी प्रसाद सिंह ने बताया कि परिषद में गत 19 दिसंबर 2013 को मैं अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुआ था। पॉंच साल का कार्यकाल बीत चुका है। इस बीच सुबोधकांत सहाय व उनके साथी अपने स्वार्थ के लिए इस संगठन को विवादास्पद कर पंचायत परिषद का महत्व खत्म करना चाहते थे। और उनका साथ देते हुए तत्कालीन एसडीएम मयूर विहार और एसएचओ पाण्डव नगर ने पंचायत परिसर व कार्यालय का अंतरिम कब्जा विपक्षीगणों को दे दिया था। यह मामला कड़कड़डूमा व तीसहजारी कोर्ट पहुंचा। इसी साल सिंतम्बर 2019 मेंं सीविल जज तीस हजारी व कड़कड़डूमा कोर्ट का निर्णय मेरे पक्ष में आ चुका है। अब कोर्ट के आदेशानुसार प्रबंधनतंत्र की सूचि मुझे सौंपी जानी है। लेकिन एसडीएम मयूर विहार कोर्ट की अवमानना कर रहे है।



 कार्यकारी सचिव डॉ के के रॉय ने कहा कि दिवंगत जय प्रकाश नारायण, बलवंत राय मेहता,  गुलजारी लाल नंदा, लालबहादुर शास्त्री , अटल बिहारी बाजपेई, सुचिता कृपलानी जैसे महान नेताओं ने जिस अखिल भारतीय पंचायत परिषद् की प्रशासनिक व्यवस्था में रहे हों ऐसी संस्था में काम करने पर हमें गर्व है। आज भी वर्तमान गृहमंत्री (राज्य) भारत सरकार जी किशन रेड्डी इसके सदस्य हैं। लेकिन दुःख इस बात का भी है कि आज इन्हीं महान नेताओं को अपना आदर्श बताने वाले सुबोध कान्त सहाय जैसे लोग इसे ख़त्म करने में लगें हैं।
कोल घोटाले में आरोपी व पीएनबी घोटाले के आरोपियों से सम्बन्ध रखने वाले पूर्व मंत्री सुबोधकांत सहाय अपने रसूख का गलत इस्तेमाल कर पंचायत परिषद का वजूद मिटाने की कोशिश कर रहे हैं। उनके वरिष्ठ नेता दिंवंगत राजीव गॉंधी ने जिस पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा देते हुए तमाम शक्तियां दी आज उसी को खत्म करने में जुटे हैं। अखिल भारतीय पंचायत परिषद के राष्ट्रीय सलाहकार रविकांत सिंह ने बताया कि इस मामले में गृह मंत्री भारत सरकार, मुख्य सचिव दिल्ली सरकार को शिकायती पत्र दिया गया। और इन पत्रों की जानकारी के साथ उपजिलाधिकारी मयूर विहार को भी पत्र लिखकर कर्तव्य पालन करने की हिदायत दी गयी। इसके बाद उनसे मुलाकात हुयी उन्होंने अपनी विनम्रता और ईमानदारी का वास्ता देते हुए फिर वही पुराना राग अलापा और कहा कि कानून के दायरे में जो होगा वह करेंगे।
रविकांत सिंह ने प्रश्न किया कि क्या एसडीएम मयूर विहार कड़कड़डूमा व तीसहजारी कोर्ट से खुद को ऊपर समझते हैं? क्या वे बतायेंगे कि बलवंत राय मेहता पंचायती ट्रस्ट की जमीन पर अवैध गतिविधियों में लिप्त लोगों का पंचायत परिषद से क्या सरोकार है? वे इन्हें इतने दिनों से क्यों संरक्षण दे रहे हैं? वे कानून के दायरे में कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं। पंचायत परिषद पूरे देश के नागरिक हितों के लिए लड़ती है। रविकांत सिंह ने कहा कि जल्द ही ऐसे तमाम अधिकारियों को सबक सिखाने के लिए पंचायत परिषद शिकायती शिविर का आयोजन करेगी। देशभर से आये शिकायतों को सीवीसी और सुप्रीम कोर्ट को भेज दी जायेंगी। तब उन्हें वही नेता और मंत्री जबरन रिटायर करेंगे जो उन्हें संरक्षण दे रहे हैं। और पूर्व मंत्री सुबोधकान्त व एसडीएम मयूर विहार ऐसी लड़ाईयों का उदाहरण बनेंगे। 

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