रविकांत सिंह 'द्रष्टा' |
मुख्यमंत्री योगी को मालूम ही नहीं ..... शीर्षक से ‘द्रष्टा’ ने पाठकों को जानकारी दी कि किस प्रकार एनएमआरसी पर भ्रष्टाचार ने कब्जा किया है। इस भाग में एनएमआरसी की नींव में भ्रष्टाचार के कैंसर फैलाने वाले दीमकों की जानकारी दी जा रही है।
तुम लोगों का कमरा सजाती हो, कभी हमारा भी सजाओ इस बात ने एक लड़की के स्वाभिमान पर चोट कर दिया। उसने अपनी इज्जत की रक्षा के लिए नौकरी को दांव पर लगा दिया और कर दी आयोग में अपने उच्च अधिकारियों की शिकायत। विश्वस्त सुत्रों के अनुसार इसी शिकायत पर 20 जनवरी से नोएडा पुलिस आरोपी अधिकारियों से पूछताछ के लिए गंगा शापिंग कॉम्लेक्स आना-जाना शुरु कर दी है। अपर महाप्रबंधक रजनीश पाण्डेय पर एक लड़की के शोषण का आरोप है। शोषित लड़की नोएडा मेट्रो में ही स्टेशन कंट्रोलर के पद पर कार्य करती है। राष्ट्रीय अनुसुचित जनजाति आयोग में लड़की द्वारा की गयी शिकायत के अनुसार अपर महाप्रबंधक रजनीश पाण्डेय उसके साथ घिनौनी हरकत करता है।
लड़की शिकायती पत्र में कह रही है कि मुझे 24अप्रैल 2019 को रजनीश पाण्डेय ने अपने कार्यालय में बुलाया और बैठने को कहा। रजनीश ने पूछा कि तुम क्या कर रही थी ? मैंने उन्हें बताया कि फाइलों को व्यवस्थित कर रही थी। रजनीश पाण्डेय ने भद्दी मुस्कुराहट के साथ कहा ‘‘अच्छा-अच्छा तुम लोगों का कमरा सजाती हो, कभी हमारा भी सजाओ’’। मैं तुरन्त रोते हुए केबिन से बाहर निकल गयी। मैं नहीं समझ पा रही थी कि इस परेशानी से कैसे निकला जाय, मैं काफी चिन्तित और डरी थी।
रजनीश पाण्डेय ने अगले दिन मुझे फिर बुलाया अपर प्रबंधक (संचालन) मनोज कुमार के सामने झल्लाते हुए पूछा कि सारा दिन तुम क्या काम करती हो? मैंने अपने काम के बारे में विस्तार से बताया लेकिन रजनीश पाण्डेय ने मेरा मजाक उड़ाया और मुझे अपमानजनक शब्द कहे। मेरे रोने पर चिल्ला-चिल्ला कर उसने मेरे लिए जातिसूचक अपशब्दों का प्रयोग किया। मैंने कई बार रजनीश पाण्डेय को मेरे चरित्र और जाति के बारे में गलत बोलते हुए सुना है। उनके कार्यालय में मेरे चरित्र को धूमिल करने के लिए अफवाहें फैलाई जा रही हैं। पूर्वाग्रह के कारण रजनीश पाण्डेय का क्रोधपूर्ण व्यवहार मेरे प्रति बढ़ता ही चला गया। उन्होंने मुझे डाक डिस्पैच कार्य, फोटोकॉपी जैसे कार्य देने लगे जो मेरा कार्य नही था। वरिष्ठ अधिकारी के आदेशों की अवहेलना न हो इसलिए मंै सभी प्रकार के कार्य करती रही। रजनीश पाण्डेय द्वारा ऐसे कार्य सौंपे जाने लगे जिससे मुझे देर तक कार्यालय में रुकना पड़े। उनके साथ कार्यालय में अकेले रुकने से मुझे किसी अनहोनी और चरित्रहीनता का डर लगा रहता था। मैं समय से कार्यालय छोड़ने का प्रयास करती रही।
2 अगस्त 2018 को उन्होंंने मुझे दूसरे मंजिल पर स्थित केबिन में बुलाया और पूर्व सहायक प्रबंधक तिरेन्द्र कुमार भाटी के बारे में बहुत से सवाल पूछे गये। मुझे रजनीश पाण्डेय ने बताया कि तिरेन्द्र कुमार भाटी ने महाप्रबंधक की कोई शिकायत एनएमआरसी में दी है उसे बेअसर करने के लिए तुम्हें भाटी के खिलाफ लिखित शिकायत करनी है। मैंने उन्हें शिकायत देने से मना कर दिया। रजनीश पाण्डेय ने मुझ पर काफी दबाव बनाया। उसने मुझे कहा कि तुमको इस कार्यालय से हटा दिया जायेगा। एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन लगातार स्थानान्तरिक किया जायेगा। तुम्हारी एन्यूअल परफार्मेस रिपोर्ट(एपीआर)को खराब कर दिया जायेगा। तुम्हें जीवन में कभी न भुलने वाला सबक सिखा दिया जायेगा। रजनीश पाण्डेय ने कहा कि तुमको सोचने के लिए दो दिन का समय दिया जाता है। दो दिन बाद मैंने झूठी शिकायत देने से साफ मना कर दिया। 6 अगस्त 2018 को मुझे संचालन अनुभाग द्वारा बताया गया कि मेरी आवश्यकता एनएमआरसी मुख्यालय में नहीं है। 7अगस्त से तुम्हे स्टेशन पर रिपोर्ट करना होगा। इस प्रकार मुझे मौखिक निर्देश देकर स्टेशन पर ड्यूटी करने के लिए बाध्य किया गया।
अपर महाप्रबंधक रजनीश पाण्डेय एनएमआरसी में मुख्य सतर्कता अधिकारी व एचआर भी है। लड़की का अरोप है कि रजनीश पाण्डेय अपने अधिकारों का दूरुपयोग कर्मचारियों को आतंकित करता है। वह नियमोंं का पालन करने में नहीं, नियमों को तोड़ने में माहिर है। मेरी तरह कई महिलाएं वहां काम करती हैं लेकिन उसने केवल मुझे ही निशाना बनाया है। रजनीश द्वारा प्रत्यक्ष और परोक्ष तरीके से मेरा करियर खराब करने की कोशिश की जा रही है।
शिकायत करने वाली लड़की अभी अविवाहित है। उसे अपनी इज्जत भी बचानी है और नौकरी भी करनी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ’ योजना शुरु किये ताकि बेटियां अपने सामर्थ्य के अनुसार उपलब्धि हासिल कर सकें। एक लड़की अपनी मेहनत काबिलियत और जज्बे से स्टेशन कंट्रोलर के पद पर नौकरी हासिल की। लेकिन लड़की की ईमानदारी और उसका स्वाभिमानी भ्रष्ट अधिकारियों को खलने लगा। ये चरित्रहीन अधिकारी कभी कमरे सजाने की बात करते हैं तो कभी तेरिन्दर भाटी जैसे ईमानदार अधिकारियों के खिलाफ लिखित शिकायत देने का दबाव डालते हैं। ये नीची मानसिकता के भ्रष्ट अधिकारी स्वाभिमानी लड़की को नीची जाति बताकर फब्तियां कसते है। नोएडा मेट्रो रेल कार्पोरेशन की जड़ोें को भ्रष्टाचार का कीड़ा खाना शुरु कर दिया है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को प्रधानमंत्री मोदी की ‘बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ’ योजना का मान रखना चाहिए। और अपर महा प्रबंधक रजनीश पाण्डेय पर लगे आरोपों की जड़ तलाशी की जॉंच कर दोषियों को दण्डित करना चाहिए। नहीं तो एनएमआरसी जैसी संस्था भ्रष्टाचार की दलदल में समा सकती है।
यह जानकारी केवल रजनीश पाण्डेय पर लगे चरित्रिक दोष के बारे में नहीं है। बल्कि उन पात्रों के बारे में है जहां से एनएमआरसी में आर्थिक घोटालों की शुरुआत होती है। जिसे आलोक टंडन, निशा वाधवान और पूर्णदेव उपाध्याय संचालित करते हैं। भ्रष्टाचार का यह दीमक संस्थाओं को किस प्रकार खा रहा है? और जनता के टैक्स पर अधिकारियों की ऐश को ‘द्रष्टा’ अपने अगले भाग में बतायेगा। ....क्रमश: जारी है।
रविकांत सिंह 'द्रष्टा'
(स्वतंत्र पत्रकार)
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